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घातक है पशुओं के संक्रामक रोग

नियमित टीकाकरण ही लगाता है  रोक

संक्रामक रोगों से बचाव के सरल उपाय

नियमित टीके लगवाते रहें

पशुओं के संक्रामक रोग से बचाव और उपाय की जानकारी दी गयी हैं। नियमित टीके लगवाते रहें। बहुधा वर्षा ऋतु में संक्रामक रोग का प्रकोप अधिक होता है। अतः सतर्क रहें।

घातक है पशुओं के संक्रामक रोग)imgसंक्रामक रोग का संदेह होते ही पशु को अलग करें

संक्रामक रोग का संदेह होते ही बीमार पशु को स्वस्थ पशुओं से अलग करके देखभाल प्रारम्भ करें।

हाथ पैर दवा युक्त पानी से धोएं

रोगी पशुओं को छूने के बाद हाथ-पैर दवायुक्त पानी से साफ करें।

पशु बर्तनों को जीवाणु रहित करें

रोगी पशु के सम्पर्क में आये बर्तन, जंजीर आदि गर्म भाप से या उबलते पानी में उबालकर जीवाणु रहित करें।

पशु गृह की साफ सफाई

पशु गृह के फर्श तथा दीवारें अच्छी तरह से कास्टिक सोडा या कार्बनिक अम्ल से धोयें।

घातक है पशुओं के संक्रामक रोग Bon Blogs)img चूने का प्रयोग

दीवारों पर कार्बनिक अम्लयुक्त चूना पुतवा दें।

साफ व शुद्ध चरागाहों का प्रयोग करें

दूसरे चरागाहों पर ( जहाँ बीमार पशु चर चुके हों ) स्वस्थ पशु को नहीं चराना चाहिए। स्वस्थ पशुओं को अच्छे साफ एवं शुद्ध चरागाहों पर भेजें।

दूषित चरागाहों को ठीक करें

दूषित चरागाह पर चूना छिड़कवा कर अथवा हल चलाकर उसे 5-6 माह की अवधि के लिए खाली छोड़ने से रोग के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।

नए पशुओं को अलग रखें

इसके अंतर्गत सभी नये खरीदे हुए पशुओं को अन्य पशुओं के साथ रखने से पूर्व 15 से 21 दिन तक अलग रखें।

पशुओं को एक जगह इकट्ठा होने से रोकें

रोग की आशंका होने पर पशुओं को एक जगह एकत्रित होने से रोकें ( जैसे पशु बाजारों, मेलों, प्रर्दशनी आदि में )।

पशुओं को जूठा दाना पानी न लेने दें

पशुओं को एक दूसरे का जूठा चारा-दाना न खिलायें ओर न ही उन्हें जूठे बर्तनों में पानी पिलायें। पशुओं को सुपाच्य पौष्टिक आहार व ताजा पानी दें।

मृत पशुओं को खुले में न फेंके

संक्रामक रोग से मृत पशुओं को खुले मैदान, नदी या तालाब में न फेंकें और न ही उनकी खाल उतारें।

Bon Blogs घातक है पशुओं के संक्रामक रोग)imgमृत पशुओं का उचित निस्तारण करें

मृत पशुओं से संबंधित समस्त सामग्री सहित शव को या तो आग में जला दें या 1.5 से 2 मीटर गड्ढा खोद कर उसके ऊपर व नीचे 20 से 30 सेमी. चूने की सतह बिछाकर पशु के शव को मिट्टी से दबा दें। इस गड्ढे के चारो ओर कोई रोक लगवा दें।

आशंका होने पर निकट के पशु चिकित्सक से संपर्क करें

संक्रामक रोग की जरा सी भी आशंका होने पर निकट के पशु चिकित्साधिकारी से तत्काल सम्पर्क स्थापित करें।

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