कागज और कागज की रद्दी के बारे में कुछ रोचक तथ्य
आज हम अपने ब्लोग्स के माध्यम से कागज और कागज की रद्दी के बारे में कुछ रोचक तथ्य बताने जा रहे हैं। देश में सालाना 2.5 करोड़ टन कागज का उत्पादन होता है। इसमें से करीब 1.7 करोड़ टन कागज का उत्पादन रद्दी कागज आधारित पेपर मिलें करती हैं। देश में रोजाना टनों कागज की खपत होती है और लेखन तथा मुद्रण के लिए उपयोग किए जाने के बाद इसे आमतौर पर बेकार सामग्री के रूप में फेंक दिया जाता हैं। कागज की रीसाइक्लिंग करके नए कागज में बदलकर कई समस्याओं को दूर कर सकती है।
कागज बनाने में कितना पानी व पेट्रोलियम व्यय
- प्रति किग्रा. तैयार उत्पाद में पानी की खपत सबसे ज्यादा कागज बनाने में होती है।
- एक किग्रा. कागज पैदा करने में लगभग 324 लीटर पानी खर्च होता है।
- पूरे विश्व में फॉसिल ईधनों ( पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल, कोयला आदि ) का तीसरा सबसे अधिक खपत करने वाला कागज उद्योग है।
कागज की खपत
- विश्व में प्रति व्यक्ति 48 किग्रा. कागज की खपत।
- अनुमान है कि अब भी 95 प्रतिशत व्यापारिक सूचना कागज में ही रखी जाती है।
- हालांकि परंपरागत रूप से कागज लिखने और पढ़ने में इस्तेमाल होता रहा है, लेकिन संचार की जगह अब डिब्बाबंदी पैकेजिंग ने ले ली है, जिसमें समस्त कागज का 41 प्रतिशत इस्तेमाल किया जाता है।
- कभी यह कहा गया था कि सूचना प्रौद्योगिकी के कारण दफ्तर कागज विहीन हो जायेगे, लेकिन वैसा पूरी तरह हुआ नहीं।
रीसाइकल पेपर
- एक टन कागज को दोबारा इस्तेमाल किया जाए तो उसे फेंकने से घिर जाने वाली तीन घन गज जमीन बच जाती है।
- नीदरलैण्ड में 77 प्रतिशत, जर्मनी में 67 प्रतिशत, जापान में 52 तथा अमरीका में 45 प्रतिशत कागज फिर से इस्तेमाल ( रिसाइल ) किया जाता है।
- रिसाइकिल किए गए प्रति टन कागज से 17 पेड़ बचते हैं।
- 54 किग्रा. कागज रिसाइकिल करने से एक पेड़ बचता है।
- कुदरती लकड़ी से कागज बनाने की बजाय रद्दी कागज से कागज बनाने में 60 प्रतिशत कम ऊर्जा लगती है।
- रद्दी कागज से अनेक उत्पाद बनाए जाते हें, जैसे कि कॉपियर पेपर, पेपर टॉवल, नैपकिन और कोरूगेटेड बॉक्स आदि।
- एक टन रद्दी कागज फिर से इस्तेमाल करें तो 682.5 गैलन पेट्रोल, 7000 गैलन पानी तथा 3.3 घन गज भराई की जमीन बचती है।
पेड़ों के लिए विनाशकारी
- न्यूयार्क टाइम्स का संडे एडीशन छापने में 75,000 पेड़ों के बराबर कागज खप जाता है।
- चीन में छुट्टियों के कार्ड बनाने के लिए हर साल लाखों पेड़ काटे जाते हैं।
- हर पेड़ हर रोज तीन आदमियों के लिए सांस लेने लायक ऑक्सीजन पैदा करता है।
- आजकल कागज 90 प्रतिशत लुगदी से बनती है। लकड़ी की कुल खपत में से लगभग 13 प्रतिशत कागज बनाने में खपती है जो विश्व के कुल आर्थिक उत्पादन का एक प्रतिशत है।
प्रदूषणकारी
- कागज और लुगदी उद्योग क्लोरीन तत्त्व का तीसरा सबसे बड़ा औद्योगिक खरीदार है।
- कागज की ब्लीचिंग में क्लोरीन गैस के इस्तेमाल से जो बाई-प्रोडक्ट बनते हैं उनमें से एक है डायोक्सिन, जो जहरीली गैस होती है।
- अगर कागज को चमकीला बनाने की जरूरत न हो तो कागज-निर्माण में कंपनियांँ ब्लीचिंग की प्रक्रिया में क्लोरीन का इस्तेमाल बंद कर देगी।